{यह लेख सर्वप्रथम पिट्सबर्ग, अमरीका से हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित द्वैमासिक पत्रिका 'सेतु' (setumag.com) के अक्टूबर 2020 अंक में प्रकाशित हो चुका है।} लोग हमें मक्खीमार कहते हैं। इसलिए नहीं कि हम निठल्ले हैं। बल्कि इसलिए कि मक्खी मारने में हमें महारत हासिल है। मक्खी मारना हमने बचपन में ही शुरू कर दिया था। … Continue reading छिपकली
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कोरोना काल
{यह लेख सर्वप्रथम पिट्सबर्ग, अमरीका से हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित द्वैमासिक पत्रिका 'सेतु' (setumag.com) के सितंबर 2020 अंक में प्रकाशित हो चुका है।} भगवान भला करे कोरोना वायरस का जिसने पिछले दो महीने से हमें घर में कैद किया हुआ है। दफ्तर जाने से तो बचे ही, हर रोज पड़ने वाली बड़े साहब की … Continue reading कोरोना काल
मथुरादास जी अमरोहा वाले
{यह लेख सर्वप्रथम पिट्सबर्ग, अमरीका से हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित द्वैमासिक पत्रिका 'सेतु' (setumag.com) के जून 2020 अंक में प्रकाशित हो चुका है।} एक मुद्दत से आरज़ू थी फुर्सत की, मिली तो इस शर्त से कि किसी से ना मिलो। शहरों का वीरां होना कुछ यूँ गज़ब कर गई, बरसों से पड़े गुमसुम घरों … Continue reading मथुरादास जी अमरोहा वाले
Judgement Day
First Published in January 2019 issue of 'Setu' (Setumag.com) He shot out of the dark alley, missed hitting Ashutosh by a whisker, stopped in his tracks, his eyes locked with Ashutosh’s for a moment, and he sprinted away like a hare. Aku, as Ashutosh’s friends called him, claimed his car parked near the clock tower … Continue reading Judgement Day
स्वनिर्मित यंत्र से स्वयं के बाल काटिए, आत्मनिर्भर बनिए
अधिकतर लोग शेव खुद ही बनाते हैं हालाँकि कुछ अन्य खुद ना बना कर नाई से बनवाते हैं। ऑफिस जाने वाले ज्यादातर रोज़ शेव करते हैं और कुछ एक दिन छोड़ कर। वैसे तो हम एक दिन छोड़ कर शेव करने वालों की श्रेणी में आते हैं लेकिन लॉकडाउन में हमने दो शेवों के बीच … Continue reading स्वनिर्मित यंत्र से स्वयं के बाल काटिए, आत्मनिर्भर बनिए
तिल का ताड़, कँकड़ का पहाड़
कितना सुखी था जीवन जब टेलिविज़न पर सिर्फ दूरदर्शन आता था। वह भी दिन में कुछ घण्टों के लिए, सुबह और शाम। सीरियल हो या फिल्म, रंगोली हो या समाचार, जो कुछ भी आ रहा हो, परिवार के सभी सदस्य एक साथ देखते थे। एकता बनी रहती थी। देश को एकता के धागे में पिरोने … Continue reading तिल का ताड़, कँकड़ का पहाड़
Ananya (A sequel to ‘Judgement Day’)
Ashutosh entered the offices of Gupta & Agarwal, Advocates of Supreme Court and made his way to the reception. Himself a trial court lawyer from Dehradun, Ashutosh needed to retain a senior lawyer to represent one of his clients in the apex court. “Excuse me.” He said. The girl behind the desk raised her head. … Continue reading Ananya (A sequel to ‘Judgement Day’)
रहट की शहनाई
उस दिन अकेला ही कॉफ़ी हाउस में बैठा था। पुराने गाने चल रहे थे जिन्हें सुनता हुआ मैं अतीत में खोया हुआ था कि अचानक चौंक कर वर्तमान में आ गया। "पापा, ये रहट कौन सा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट होता है?" मनोज कुमार का गाना 'मेरे देश की धरती सोना उगले . . . ‘ बज … Continue reading रहट की शहनाई
राम, लक्ष्मण, हनुमान का भरत मिलाप
गोस्वामी तुलसीदास कृत पवित्र ग्रन्थ ‘रामचरित मानस’ में बुराई पर अच्छाई की विजय दर्शाई गई है। देश भर में हर वर्ष दिवाली के समय रामचरित मानस पर आधारित रामलीला खेली जाती है। सात दशक पहले, मेरे बचपन में, आज जैसी आधुनिक तकनीक उपलब्ध नहीं थी। जुगाड़ का सहारा लेना पड़ता था। यूँ गड़बड़ होने की … Continue reading राम, लक्ष्मण, हनुमान का भरत मिलाप
जान बची और लाखों पाए
आधी रात होने को आ रही है। श्रीमती जी और हम साँस रोके दहशत में पलंग पर बैठे इंतज़ार कर रहे हैं। इंतज़ार है बारह बजने का जब हमारी यह छोटी सी गेंद, जिसे हम मानव अपना घर मानते हैं, नष्ट हो जाएगी। होनी है तो हो जाए। पृथ्वी अब पृथ्वी कहाँ रही? मानव ने … Continue reading जान बची और लाखों पाए