इंडिया बनाम भारत

G20 सम्मेलन में प्रधान मंत्री की मेज़ पर देवनागरी में ‘भारत’ लिखा देख कुछ विपक्षी दलों की भृकुटी तन गई। सम्मेलन के समापन पर राष्ट्रपति भोज के निमंत्रण पर ‘President of Bharat’ लिखा देख कर तो बवाल मच गया – मोदी जी देश का नाम बदलना चाहते हैं, ‘India’ से ‘भारत’ करना चाहते हैं।

26 विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. (Indian National Developmental Inclusive Alliance) – जिसका गठन सिर्फ भाजपा (मोदी) को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए हुआ है – के नेताओं ने मारे खुशी के चीखना शुरू कर दिया, ‘मोदी जी डर गए, मोदी जी डर गए। हमारे गठबंधन के नाम I.N.D.I.A. से डर गए।‘ वैसे इस I.N.D.I.A. नाम के पीछे का असली मकसद किसी से छिपा नहीं है।

 यह भी पूछा गया कि संविधान का संशोधन किए बिना नाम कैसे बदल दिया। इन लोगों ने या तो संविधान पढ़ा नहीं है या फिर वे जान बूझ कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। संविधान के प्रथम अनुच्छेद में स्पष्ट लिखा है, “India, that is Bharat, shall be a Union of States.” साफ है कि संविधान में हमारे देश के दो नाम वर्णित हैं – इंडिया और भारत। क्या वास्तव में देश को ‘भारत’ कहने के लिए संविधान में संशोधन करने के आवश्यकता है?

भारत को ‘इंडिया’ नाम अंग्रेजों ने नहीं दिया। यह नाम भारत को यूनानियों से मिला था। ‘स’ का उच्चारण करने में असमर्थ यूनानियों ने सिंधु को ‘Indus’ कहा और ‘Indus’ के पूर्व के देश को ‘India’। हजारों वर्ष से हमारे देश का नाम ‘भारत’ या ‘भारतवर्ष’ ही है। अन्य नाम, हिंदुस्तान या फिर इंडिया हमारे ऊपर विदेशियों के द्वारा थोपे गए।

संविधान स्वाधीनता के तीन वर्ष पश्चात 1950 में लिखा गया और उसके दो वर्ष बाद 1952 में लागू हुआ। पर देश को ‘भारत’ उसके पहले भी कहा जाता था। सरकारी लिफ़ाफ़ों पर ‘On Government of India Service’ के साथ-साथ ‘भारत सरकार की सेवा में’ भी लिखा होता था। सरकारी गाड़ियों पर ‘Govt. of India’ और ‘भारत सरकार’ पहले भी लिखा जाता था। डाक टिकटों पर India और भारत दोनों पहले भी छपे होते थे और आज भी होते हैं।

यदि देश का नाम भारत नहीं है तो स्वाधीनता संग्राम के दौरान से आज तक किस देश की माता की जय के नारे लगाए जाते थे? सबसे बड़ा सवाल – भारत जोड़ो यात्रा किस देश को जोड़ने के लिए निकाली गई थी? उसका नाम ‘इंडिया जोड़ों यात्रा’ क्यों नहीं था?

दरअसल झगड़ा नाम का नहीं है। गठबंधन को शायद लगा कि अच्छा मौका है जनता को संदेश देने का कि मोदी और भाजपा उनके I.N.D.I.A. नाम से बौखला गए इसलिए देश को ‘भारत’ कह रहे हैं। हुआ यह कि खुद गठबंधन मज़ाक बन कर रह गया।

अभी कुछ दिन पहले राहुल जी ने गठबंधन के सदस्यों को एक बहुत अच्छी सलाह दी कि उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि वे भाजपा के जाल में फँसने से बचें। किन्तु यदि किसी को स्वयं जाल बुन कर उसमें फँसने का शौक हो तो कोई क्या कर सकता है?

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.