Ayodhya

Ayodhya is a three-hour leisurely drive from Lucknow. Thanks to my cousin Anil, a posse of policemen were waiting for us at the city ‘gates’. Led by the police vehicle, feeling quite like VIPs (only the beacon and hooter were missing) we breezed through the town to arrive at ‘Ram Janam Bhumi’ where Ram Lalla’s … Continue reading Ayodhya

LUCKNOW REVISITED

Having spent seven prime years of my life in Lucknow, the capital of Uttar Pradesh over half a century ago, I knew its every nook and corner. The city could spring no surprises, I boasted to my wife, her sister and her husband. But the city had other plans.  We exited Charbagh railway station on … Continue reading LUCKNOW REVISITED

इंडिया बनाम भारत

G20 सम्मेलन में प्रधान मंत्री की मेज़ पर देवनागरी में ‘भारत’ लिखा देख कुछ विपक्षी दलों की भृकुटी तन गई। सम्मेलन के समापन पर राष्ट्रपति भोज के निमंत्रण पर ‘President of Bharat’ लिखा देख कर तो बवाल मच गया - मोदी जी देश का नाम बदलना चाहते हैं, ‘India’ से ‘भारत’ करना चाहते हैं। 26 … Continue reading इंडिया बनाम भारत

तीसरी कसम

{यह लेख सर्वप्रथम पिट्सबर्ग, अमरीका से हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित मासिक पत्रिका 'सेतु' (setumag.com) के जून 2023 अंक में प्रकाशित हो चुका है।} सोचा नहीं था कि हमारी जिन्दगी में कभी कसम खाने का मौका आएगा। पर मौका आया और हमने कसम खाई। वो भी एक नहीं तीन। हिरामन की बात और थी। वो … Continue reading तीसरी कसम

75वें जन्मदिन की सरप्राइज़ पार्टी

पत्नी की पति से अपेक्षा होती है कि पति को और कुछ याद रहे या ना रहे विवाह की तारीख और पत्नी का जन्मदिन सदा याद रहना चाहिए। पत्नियों की याददाश्त का आलम यह है कि वे पति को पानी देना भूल सकती हैं पर तारीखें कभी नहीं भूलतीं। बहुत महंगा पड़ता है पति को … Continue reading 75वें जन्मदिन की सरप्राइज़ पार्टी

नेहरू जी की छड़ी या सेंगोल?

खबर थी कि प्रधान मंत्री मोदी नए संसद भवन में ‘सेंगोल’ की स्थापना करेंगे।  विरोध करना विपक्ष का कर्तव्य एवं अधिकार ही नहीं धर्म भी है। अपने कर्तव्य का पालन करते हुए विपक्ष ने विरोध करते हुए इसका औचित्य पूछा। सत्ता पक्ष का जवाब था कि 1947 में भारत के अंतिम वाइसरॉय लॉर्ड माउंटबैटन द्वारा … Continue reading नेहरू जी की छड़ी या सेंगोल?

आमलेट और हम

अपने परिवार और मित्र-मँडली में हम अण्डा-मास्टर के नाम से जाने जाते हैं। यह नाम हमें यूँ ही नहीं मिला। अण्डे के व्यंजन बनाने में हमारा कोई सानी नहीं है। और हमारा आमलेट तो हमारे फलते-फूलते विशाल परिवार में हमसे ऊपर की दो और नीचे की दो पीढ़ियों में विश्वप्रसिद्ध था। अण्डे की सफेदी को … Continue reading आमलेट और हम

भानगढ़ में भूत ?

{यह कहानी पिट्सबर्ग अमेरिका से प्रकाशित द्वैभाषिक मासिक पत्रिका ’सेतु’ के फरवरी 2022 अंक में प्रकाशित हो चुकी है (setumag.com)} आप देश के किसी भी कॉफी हाउस में चले जाएँ, आपका स्वागत शोर करेगा। शोर पहचान है कॉफी हाउस की। मानो लोगों की दिलचस्पी कॉफी पीने से ज़्यादह शोर मचाने में है। पर ऐसा है … Continue reading भानगढ़ में भूत ?

काश हम रिटायर ना हुए होते

                      {यह लेख सर्वप्रथम पिट्सबर्ग, अमरीका से हिन्दी तथा अंग्रेज़ी में प्रकाशित मासिक पत्रिका 'सेतु' (setumag.com) के जुलाई 2021 अंक में प्रकाशित हो चुका है।} खुशकिस्मत थे हम कि जवानी के दिनों में हमें शौकत थानवी और शफ़ीकुर्र रहमान जैसे हास्य लेखकों को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। लिखते तो दोनों उर्दू में थे … Continue reading काश हम रिटायर ना हुए होते